गलत दावों पर नजर रखें
भ्रामक जानकारी और फेक न्यूज़ के कई रूप और प्रकार हो सकते हैं। यह वीडियो, ऑडियो क्लिप या टेक्स्ट लिखे तस्वीर के रूप में मौजूद हो सकती है। आप इसे किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं, किसी मैसेजिंग ऐप पर प्राप्त कर सकते हैं या किसी वीडियो प्लेटफार्म पर भी देख सकते हैं। अगर आप जानबूझकर इसकी तलाश ना करें तो भी यह विभिन्न माध्यमों से आप तक पहुँच सकती है। यह राजनीति, स्वास्थ्य, वित्तीय धोखाधड़ी, विज्ञान, जलवायु और पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, सरकारी योजनाओं और परामर्शों, अपराध, मनोरंजन और खेल जैसे विषयों से जुड़ी हो सकती है।
भ्रामक जानकारी हानिकारक है तथा इसका समाज पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, जिससे अशांति तथा अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यह पर्यावरण संबंधी मामलों को लेकर हमारे रवैये को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए यह वीडियो देखें।
यह एक फेक न्यूज़ है और ऐसी ही तमाम फेक खबरें इंटरनेट पर मौजूद है। ऑनलाइन दिखने वाली हर भ्रामक जानकारी की पड़ताल आपके लिए कठिन हो सकती है, लेकिन आप इन भ्रामक दावों को फैलाने वालों की मनोवृत्ति और कार्य-पद्धति को समझ कर इससे सतर्क और सुरक्षित रह सकते हैं। वायरल दावे की बात करें तो, 97% से भी अधिक वैज्ञानिक यह मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन वास्तविक है और इसके लिए मानव जिम्मेदार है। आपको इंटरनेट पर ऐसे दावे देखने को मिल सकते हैं जिनमे सच को छिपाने के लिए किसी जानकारी को काट-छांटकर, तोड़-मरोड़कर या किसी खास एजेंडे के तहत शेयर किया गया हो।
इस मुहिम के बारे में जानकारी
शोधकार्य के लिए आयोजित यह मुहिम Misinformation Combat Alliance (MCA) और Meta का संयुक्त प्रयास है। इन विज्ञापनों को देखने वाले या सर्वेक्षणों में हिस्सा लेने वाले किसी भी यूजर की निजी जानकारी ना तो MCA द्वारा इकठ्ठा की जाएंगी और ना ही इसे MCA के साथ शेयर किया जाएगा।